मंजू गौड़
निदेशक, गौड़सन्स ग्रुप
- आज हम सभी पर्यावरण को लेकर बेहद चिंतित हैं। जल, वायु और हमारी धरती सभी कुछ पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है उसी का नतीजा है कि आज हम सभी न केवल दूषित सांस लेने को बाध्य हैं बल्कि खाने-पीने के माध्यम से भी हम रोजाना न जाने कितना कैमिकल अपने शरीर में ले जाते हैं।
वैसे तो पर्यावरण को प्रदूषित करने के पीछे अनेक कारण हंै लेकिन आज मैं केवल प्लास्टिक के बारे में ही बात करूंगी क्योंकि मझे लगता है कि प्लास्टिक हर स्तर पर पर्यावरण को खा रही है। इसके इस्तेमाल से ही यह कूड़े के ढेर पर पहुंचती है जहां इसे कभी जलाया तो कभी नदी नालों में बहाया जाता है कई बार तो यह प्लास्टिक जानवर भी खा लेते हैं जिससे उनकी जान पर बन आती है।
पार्टियों में प्लास्टिक के डिसपोजल के इस्तेमाल के बाद उनका निपटान सही तरीके से नहीं किया जा सकता इसलिए वह कई तरीकों से पर्यावरण के लिए खतरा बन जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि प्लास्टिक का उपयोग बंद नहीं हुआ तो आने वाले कुछ वर्षों में स्थिति और भी भयानक हो सकती है।
इसी बात को ध्यान में रखकर हमने 'बर्तन बैंक' की एक छोटी सी मुहिम की शुरूआत की है। जिसके अंतर्गत हम लोगों को निशुल्क स्टील के बर्तन देंगे ताकि वह प्लास्टिक के डिस्पोजल का इस्तेमाल बंद करें। जहां प्लास्टिक का डिस्पोजल हमारी सेहत के लिए खतरनाक होता है वहीं यह बेवजह का कूड़ा फैलाकर वातावरण को भी प्रदूषित करता है। अक्सर लोग अपने घरों में होने वाले छोटे-मोटे कार्यक्रम के लिए डिस्पोजल का इस्तेमाल ही करते हैं क्योंकि किसी के भी घरों में इतने बर्तनों का स्टोक नहीं होता इसलिए हमने लोगों की इस परेशानी का हल निकाला है अब वे गौड़ बर्तन बैंक से बर्तन ले सकते हैं वो भी निशुल्क।
जहां गौड़सन्स ने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में एक छोटा सा योगदान दिया है वहीं कई बड़ी संस्थाएं और सरकार भी भारत को प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए अपने-अपने स्तर पर कार्य कर रही है लेकिन मैं यही कहना चाहूंगी कि बिना लोगों की सहभागिता के कभी कोई मुहिम या अभियान सफल नहीं होता है इसलिए भारत को प्लास्टिक से मुक्त कराने के लिए हम सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनना होगा और इस मुहिम को ज्यादा से ज्यादा लोगों से साझा करना होगा ताकि लोग इसके लिए जागरूक हों।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की नो प्लास्टिक मुहिम से प्रेरित होकर ही मेरे मन में 'गौड़ बर्तन बैंक' की स्थापना करने का विचार आया। मुझे खुशी है कि धनतेरस के मौके पर हमने इस मुहिम की शुरूआत की और लोगों को इस मुहिम के बारे में जानकारी दी। अभी फिलहाल गौड़ बर्तन बैंक की शुरूआत गौड़ बिज पार्क इंदिरापुरम, गौड़ इंटरनेशनल स्कूल और गौड़ सिटी गे्रटर नोएडा से ही की है हमें यकीन है कि हम इस मुहिम को और आगे लेकर जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस मुहिम का हिस्सा बन सकें।
अक्सर लोग निशुल्क सामान का सही तरह से इस्तेमाल नही करते इसलिए हमने यहां कुछ नियम और शर्तं भी रखी हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका सही मायने में इस्तेमाल कर सकें:- - बर्तनों का उपयोग करने के बाद उन्हें अच्छे से साफ करके बैंक को वापिस लौटाना होगा।
- बर्तनों का इस्तेमाल निशुल्क है लेकिन बर्तन लेते समय कुछ सुरक्षा शुल्क जमा कराना आवश्यक है जो बर्तन वापिस करते समय लौटा दिया जाएगा।
- बर्तन लेने वाले व्यक्ति की स्वयं हस्ताक्षरित आई डी की कॉपी चाहिए होगी।
- बर्तनों को सुरक्षित रखने के लिए बर्तन एक बैग में दिया जाएगा उसी बैग में बर्तन सही स्थिति में वापिस करने होंगे।
- बर्तनों को किसी तरह की क्षति होने पर सुरक्षा शुल्क में से उस क्षति का भुगतान करना होगा।
- याद रहे यहां हमारा इरादा प्लास्टिक को खत्म करने का है इसलिए आप भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगाएं और इस मुहिम को लोगों तक पहुंचाएं।