क्या पुलिस एव कमेटी द्वारा की जाने वाली अनैतिक व अवैध उगाही. संगठित व संज्ञेय अपराध नहीं है?

आरोप है कि, उन्होंने पुलिस प्रशासन वो अधिकारी जो उक्त प्रतिष्ठित 20 से उक्त पत्रकारों से पीड़ित थे? क्या पत्रकारों जेल जाना के विरुद्ध झूठी खबरों का प्रकाशन से पीड़ित पुलिस अधिकारियों एवं अतिविशिष्ट कर, पुलिस की छवि खराब करने व उन्हें ब्लैकमेल करने का प्रयास किया पुलिस १ ___ पुलिस कर्मचारियों पर भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक क्या पुलिस एव कमेटी द्वारा की व अवैध उगाही. संगठित व संज्ञेय नोएडा पुलिस द्वारा 120 करोड़ रुपये की अवैध वार्षिक उगाही वी0के0सिंह (वरिष्ठ पत्रकार) नोएडा। एक स्वः सर्वे के अनुसार, नोएडा पुलिस एव नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित कमेटी, दोनों संगठित रूप से प्रति वर्ष वी0के0सिंह (वरिष्ठ पत्रकार) है कि, गरीब हटाओ गरीबी शिकायत नोएडा। एक स्वः सर्वे के नहीं, कानून सबके लिये अनुसार, नोएडा पुलिस एव बराबर है यह परिकल्पना ही नोएडा विकास प्राधिकरण काफी है, बराबर करने का द्वारा संचालित कमेटी, दोनों लेशमात्र प्रयास भी करना संगठित रूप से प्रति वर्ष खास वर्ग को आक्रोषित करना वाले व्यापारियों को उचित रुपये प्रतिमाह कमेटी के लोग 192 करोड़ रुपये की अवैध है । फिर ये अपराधी तो वसूली करते हैं, जो कि, सरकार के अपने ही हैं, इतना सुरक्षा प्रदान की जाये तथा, करते हैं । जबकि किये गये निश्चय ही यह सरकारी तंत्र अष्टार्चार तो बनता ही है इन्हें सामान्य रूप से व्यवसाय एक सर्वे से पता चलता है कि, द्वारा किया जाने वाला एक 120 करोड़ रुपये सालाना करने दिया जाये ताकि पूरे नोएडा में लगभग, 1,लाख संगठित ही नहीं अपितु एक अवैध उगाही, एव 72 करोड़ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35 हजार पथ विक्रेता, संज्ञेय अपराध भी हैं, यदि इन रुपये की अनैतिक रूप से 21, 42 एव 46 में दिये गये फुटपाथ पर, सड़कों के अधिकारों के अनुसार, इन्हें किनारे रेडी पटरी लगाकर अपराधों में किसी आम अवैध सालाना उगाही, नोएडा आदमी का संलिप्त होना पाया विकास प्राधिकरण द्वारा सामान्य जीवन जीने का लाभ अपने परिवारों के जाये तो, संज्ञेय अपराध को संचालित कमेटी द्वारा क्लीन मिल सके किन्तु, दुर्भाग्यपूर्ण जीवकोपार्जन करते हैं, जिसे दृष्टिगत रखते हुये, गैर नोएडा अभियान के अंतर्गत बात है कि, उत्तर प्रदेश पुलिस औसत रूप में लिया जाये तो में मौजूद चन्द भ्रष्ट पुलिस 1 लाख फुटपाथ विक्रेताओं जमानती धाराओं में कार्यवाही की जाती है विश्वस्त सूत्रों कर्मी पथ विक्रेता अधिनियम को पथ विक्रेता अधिनियम से जाती है किन्तु यहाँ अवैध एव विभिन्न सूत्रों से करवाये 2014 जो कि, राज्य सभा से वंचित कर, अनैतिक रूप से वसूली का कारोबार आम गये, पथ विक्रेता (जीविका पारित हुआ था को, प्रभावी 1000 रुपये प्रतिमाह पुलिस आदमी नहीं बल्कि सरकार सुरक्षा एव पथ विक्रय ही तंत्र पुलिस एव कमेटी विनियमन) अधिनियम 2014 नहीं होने दे रहे हैं । विशिष्ट व 600 रुपये प्रतिमाह कमेटी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के को देकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं तो उन पर के अनुसार फुटपाथ पर, रेडी, कार्यवाही नहीं की जा सकती पटरी एव खोमचा इत्यादि अनुसार पथ विक्रेताओं से, करते हैं, जिससे पथिक 1000 रुपये प्रतिमाह स्थानीय विक्रेता विकास मुख्य धारा से वजह सदियों पुरानी परम्परा लगाकर जीवकोपार्जन करने थाना की पुलिस, एव 600 वंचित हो रहा है।